भौगोलिक मध्य
प्रदेश
मध्य प्रदेश का
क्षेत्रफल 3,08,252 वर्ग
किमी. है। यह देश का 9.38 प्रतिशत है। मध्य प्रदेश क्षेत्रफल में भारत का दूसरा
बडा राज्य है।
कर्क रेखा (230.50’
उत्तरी अक्षांश) मध्य प्रदेश के 14 जिलों(शहडोल, उमरिया, कटनी, जबलपुर, दमोह, सागर, रायसेन, विदिशा, भोपाल, सीहोर, राजगढ, शाजापुर, उज्जैन,
रतलाम) से गुजरती है।
सीमावर्ती राज्य – मध्य प्रदेश की सीमा पांच राज्यों
को छूती है। उत्तर में उत्तर प्रदेश,दक्षिण में
महाराष्ट्र, पूर्व में छत्तीसगढ, पश्चिम
में राजस्थन और गुजरात अवस्थित है। मध्य प्रदेश की सर्वाधिक सीमा उत्तर प्रदेश
से और सबसे कम गुजरात से मिलती है।
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मध्य प्रदेश की भौगोलिक संरचना : मुख्य
निर्माणकारी अंश
· म.प्र.
का निर्माण शैल- चट्टानों से हुआ है। सर्वाधिक प्राचीन आदय महाकल्प से लेकर
नवीनतम टर्शियरी युग के शैल समूह म.प्र. में मिलते
है।
· पश्चिमी मध्य प्रदेश का निर्माण दक्कन ट्रेप
की बैसाल्ट चट्टानों एवं विध्यन शैल समूह (चम्बल क्षेत्र) से हुआ है।
· पूर्वी
मध्य प्रदेश का निर्माण विंध्यन शैल समूह, धारवाड एवं कडप्पा
समूह की चट्टानों से हुआ है।
· दक्षिणी
मध्य प्रदेश का निर्माण धारवाड(बालाघाट,छिन्दवाडा) एवं
सतपुडा चट्टानों(होशंगाबाद, बैतूल बेल्ट) से हुआ है।
· बुन्देलखण्ड
का निर्माण नीस-ग्रेनाइट की टूटन से हुआ है यहां पर ज्वालामुखी संरचनाएँ भी मौजूद
है।
बाघ
श्रेणी – नर्मदा घाटी में
नदी एवं एस्चुरी द्वारा संग्रहित शैल समूह बाघ श्रेणी कहलाती है।
लमेटा श्रेणी- म.प्र. में नर्मदा को छोडकर अन्य
नदी तंत्रों द्वारा संग्रहित शैल समूह लमेटा श्रेणीं कहलाती है।
दक्कन श्रेणी
– बाघ एवं लमेटा श्रेणी की परतों पर ज्वालामुखी प्रक्रिया द्वारा लगातार बैसाल्ट
चट्टानों की परत चढ़ाई जाती रही। दक्कन पठार पर आच्छादित बैसाल्ट की इस चादर को
ही ‘दक्कन ट्रैप’ कहा जाता है।
फिजियोग्राफी
मैप ऑफ इंडिया के द्वारा मध्य प्रदेश को 3 भौगोलिक प्रक्षेत्रों में बाटा गया है।
1. मध्य उच्च प्रदेश
2. सतपुडा मैकल श्रेणी
3. पूर्वी पठार(बघेलखण्ड पठार)
मध्य उच्च प्रदेश में आने वाले प्रमुख पठार :- मालवा का पठार, मध्य
भारत का पठार, रीवा पन्ना का पठार या विध्य का
पठार , नर्मदा
सोन घाटी,
बुन्देल खण्ड का पठार
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