जल विधुत
केन्द्र
मध्य प्रदेश में नर्मदा, चम्बल, रिहन्द, पेंच आदि
नदियों पर जल विधुत केन्द्र स्थापित किए है।
चम्बल नदी पर स्थित जल
विधुत केन्द्र यह केन्द्र मध्य प्रदेश और राजस्थान दोनों राज्यों के संयुक्त
केन्द्र जिसमें मध्य प्रदेश का 50 प्रतिशत और राजस्थान का 50 प्रतिशत हिस्सा
है।
1. गाँधी सागर जल विधुत
केन्द्र:- यह मध्य प्रदेश की भानपुरा तहसील में चम्बल नदी पर 1960 में निर्मित
गांधी सागर जल विधुत केन्द्र मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार द्वारा स्थापित
किया गया था। जिस पर 5 विधुत उत्पादन संयात्र लगाए गए है। जिनसे 115 मेगावाट
बिजली प्राप्त होती है। 1 विधुत उत्पादन केन्द्र की क्षमता 23,000 किलोवाट प्रति घंटा है।
2. जवाहर सागर जल विधुत
केन्द्र:- राजस्थान के कोटा जिले में जल विधुत उत्पादन के लिए 3 संयत्र लगाए गए
है। जो राणा सागर बाँध से 32 कि.मी. दूर स्थित है। इस केन्द्र की उत्पादन क्षमता 99 मेगावाट है।
3. राणा प्रताप सागर जल विधुत केन्द्र:- यह राणा
सागर बाँध रावतभाटा(चित्तौड़गढ़) पर स्थित है। इसकी उत्पादन क्षमता 172 मेगावाट
है।
नर्मदा नदी पर स्थित जल विधुत केन्द्र
महेश्वर जल विधुत केन्द्र
:- नर्मदा नदी पर महेश्वर(खरगोन) में 1994 स्थापित की गई थी। इस केन्द्र की
बिजली उत्पादन क्षमता 400 मेगावाट है।
पुनासा जल विधुत केन्द्र :-
खण्डवा जिले के पुनासा में स्थित पुनासा जल विधुत केन्द्र नर्मदा नदी पर स्थित
है। इस केन्द्र की क्षमता 1000 मेगावाट है। यहाँ से बिजली का उत्पादन 2007 से
किया जा रहा है। इसे इंदिरा सागर परियोजना भी कहते है।
ओंकारेश्वर जल विधुत केन्द्र
:- ओंकारेश्वर (खण्डवा जिला) में स्थित ओंकारेश्वर जल विधुत केन्द्र की बिजली उत्पादन क्षमता 520 मेगावाट है। यह नर्मदा नदी
पर स्थित है। यहाँ बिजली का उत्पादन 2007 से हो रहा है।
बरगी परियोजना :- बिजौरा गांव(जिला-जबलपुर)
के पास रानी अबन्तिबाई सागर(बरगी) परियोजना है। यह नर्मदा नदी पर स्थित है। इस केन्द्र
की उत्पादन क्षमता 90 मेगावाट है।
रिहन्द परियोजना :- पीपरी(
जिला-सोनभद्र उ.प्र.) में स्थित है यह मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश
की संयुक्त परियोजना है।
पेंच जल विधुत केन्द्र :-
पेंच जल विधुत केन्द्र का निर्माण सिवनी(जिला-छिन्दवाड़ा) में निर्माण चल रहा है।
यह मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की संयुक्त परियोजना है। इसकी कुल विधुत उत्पादन
क्षमता 160 मेगावाट है। जिसमें से मध्य प्रदेश को 107 मेगावाट बिजली प्राप्त होती
है। शेष भाग महाराष्ट्र को प्राप्त होता है।
बाण सागर जल विधुत केन्द्र :- यह सीधी
जिले में स्थित है। जो उत्तर प्रदेश, बिहार, एवं मध्य प्रदेश द्वारा संयुक्त रूप से स्थापित किया गया है। इस केन्द्र
की क्षमता 110 मेगावाट है। जिससे बढ़ाकर 424 मेगावाट किया जा रहा है। बाणसागर के चार
बाँध है।
1. टोंस (315 मेगावाट) 2. दंडलोद(60मेगावाट)
3. सिलपरा(30मेगावाट) 4. झीन्ना(20मेगावाट)
टोंस जल विधुत केन्द्र :-
टोंस नदी पर स्थित जल विधुत केन्द्र की उत्पादन क्षमता 315 मेगावाट है।
राजघाट परियोजना :- माताटीना बांध बेतवा नदी पर मध्य
प्रदेश और उत्तर प्रदेश की संयुक्त परियोजना है जिसकी कुछ क्षमता 45 मेगावाट है। इसमें
दोनो राज्यों का बराबर हिस्सा है।
मलखेड़ा जल विधुत केन्द्र :- मोहिनी सागर पर 60 मेगावाट
का उत्पादन 2008 में शुरू हो रहा है।
चांदेल प्रोजेक्ट :- खण्डवा जिले इंदिरा नहर पर 15
मेगावाट की बिजली उत्पादन योजना है।
375 मैगावाट की प्रस्तावित पनबिजली योजनाएँ :- पनबिजली
योजना में 11 नये प्रोजेक्ट सरकार द्वारा क्रमश: होशंगाबाद, हंडिया, बोरास, सिंगापुर,
राघवपुर, रोसरा, सीतारेवा
और गोपालपुर में लगा रही है।
बिरसिंगपुर परियेाजना :- इसकी क्षमता 20 मेगावाट है।


0 Comments