नर्मदा घाटी परियोजना :- नर्मदा एक अंतर्राज्यी
नदी है। जो मध्य प्रदेश,
महाराष्ट्र
और गुजरात होते हुए अरबसागर में जाती है। जिस कारण नर्मदा नदी के जल के उपयोग को
लेकर विवाद बना हुआ है।
विवाद से
निपटने के लिए नर्मदा जल विवाद न्यायाधिकरण ने 1969 द्वारा चारों राज्यों के लिए
जल का बटवारा इस प्रकार किया कि मध्य प्रदेश के लिए 18.25(मिलियन फुट पानी), गुजरात के लिए 9(मिलियन फुट पानी) , महाराष्ट्र के
लिए 0.25(मिलियन फुट पानी) और राजस्थान के लिए 0.05 (मिलियन फुट पानी) दिया जाएगा।
मध्य
प्रदेश में नर्मदा नदी पर तीन प्रकार की बहुउद्देशीय परियोजना है। 29 वृहद, 135 मध्य और 3000 लघु योजनाएं प्रस्तावित है। इस बहुउद्देशीय परियोजना से
27.55 लाख हेक्टेयर की सिंचाई होगी, जबकि 2600 मेगावाट
बिजली प्राप्त होती। इन योजना से नर्मदा में बाढ़ की संभावना भी कम हो सकेगी।
नर्मदा
नदी पर बनी परियोजना निम्न प्रकार है।
1. सरदार सरोवर परियोजना :-
यह नर्मदा सबसे बड़ी परियोजना है। सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद यहाँ के
बांध की ऊँचाई 110 मीटर से अधिक बढ़ाकर 161 मीटर हो सकेगी यह एक बहुउद्देशीय परियोजना
से 19 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल पर सिंचाई होगी, जबकि यहाँ 2005
से विघुत का उत्पादन प्रारंभ हुआ है। यहाँ से 1462 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो
रहा है। यह गुजरात के भडोंच में स्थित है।
म.प्र. में स्थित प्रमुख जल प्रपात || waternfall in mp
2. इंदिरा सागर परियोजना
:- यह पुनासा खंडवा में निर्माणाधीन है। इंदिरा सागर परियोजना की नींव श्रीमती
इंदिरा गांधी ने 1984 में रखी थी। पुनासा बाँध से ही ओंकारेश्वर, महेश्वर और गुजरात स्थित सरदार सरोवर को पानी की आपूर्ती की जाएगी।
इंदिरा सागर से 41 हजार हेक्टेयर भूमि सिंचित होगी। जबकि ओंकारेश्वर बाँध से 1,43,000 हजार हेक्टेयर तथा सरदार सरोवर से 19 लाख
हेक्टेयर क्षेत्र सिंचित होगा। प्रमुख परियोजनाओं से बिजली का उत्पादन क्रमश:
सरदार सरोवर से 1462 मेगावाट, इंदिरा सागर से 1000 मेगावाट,
ओंकारेश्वर से 520 मेगावाट, और महेश्वर से
400 मेगावाट विघुत का उत्पादन होगा। इस बाँध की ऊँचाई को लेकर पर्यावरणविद मेधा
पटकर ने इस परियोजना से होने वाले मानवीय और प्राकृतिक नुकसान को लेकर ‘’नर्मदा बचाओ आन्दोलन’’ छेड़ रखा है। इस परियोजना से
249 ग्राम प्रभावित हो रहे है। उन्हें अपनी कृषि योग्य भूमि से विस्थापित होना
पड़ा है। हजारों हेक्टेयर वन काटे जा रहे है। उस क्षेत्र में भूकंप के निरंतर
झटके आते है। जिससे अत: बॉध के लिए खतरा है।
QUIZ OF MP RIVER || मध्य प्रदेश की नदियों से संबंधित प्रश्न
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3. ओंकारेश्वर परियोजना
:- यह खण्डवा के ओंकारेश्वर (मान्धाता गाँव) में निर्मित परियोना सरदार सरोवर
की पूरक परियोजना है। इस परियोजना पर 2007
से 520 मेगावाट बिजली का उत्पादन हो रहा है। और 1.43 लाख हैक्टेयर क्षेत्रफल की
सिंचाई होगी।
महेश्वर परियोजना :- धार
जिले महेश्वर में नर्मदा नदी पर निर्माणाधीन है। यह सरदार सरोवर पूरक परियोजना
है। इस परियोजना से 400 मेगावाट बिजली प्राप्त होती है।
तवा परियोजना:- होशंगाबाद
जिले में इटारसी के पास ग्राम रानीपुरा गांव में स्थित है। यह नर्मदा नदी की सहायक
नदी तवा पर स्थित है। तवा नदी पर म.प्र. का सबसे लम्बा बांध 1322 मीटर बनाया गया
है। जिससे 200 मेगावाट विघुत उत्पादन होता है। और इससे 2.47 लाख हेक्टेयर सिंचित
होगा,


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