मध्य प्रदेश की सिंचाई परियोजना
महेश्वर परियोजना :- धार जिले महेश्वर में नर्मदा
नदी पर निर्माणाधीन है। यह सरदार सरोवर पूरक परियोजना है। इस परियोजना से 400
मेगावाट बिजली प्राप्त होती है।
तवा परियोजना:- होशंगाबाद जिले में इटारसी के पास
ग्राम रानीपुरा गांव में स्थित है। यह नर्मदा नदी की सहायक नदी तवा पर स्थित है।
तवा नदी पर म.प्र. का सबसे लम्बा बांध 1322 मीटर बनाया गया है। जिससे 200 मेगावाट
विघुत उत्पादन होता है। और इससे 2.47 लाख हेक्टेयर सिंचित होगा,
उर्मिला परियोजना :- उर्मिला परियोजना मध्य प्रदेश
और उत्तर प्रदेश की संयुक्त परियोजना है। यह मध्य प्रदेश में छतरपुर जिले के
ग्राम भिरोटा में उर्मिला नदी पर बांध बनाया गया है। उर्मिला परियोजना में बाँध का
निर्माण उत्तर प्रदेश द्वारा और नहरों का निर्माण मध्य प्रदेश द्वारा किया जाएगा।
दोनों राज्यों के समझौंतों के अंतर्गत 20 प्रतिशत जल छतरपुर के ऊपरी भाग के लिए
तथा शेष जल का 60 प्रतिशत मध्य प्रदेश और 40 प्रतिशत उत्तर प्रदेश को दिया जाएगा।
बरियारपुर नहर परियोजना :- केन नदी पर स्थित है। मध्य
प्रदेश के छतरपुर-पन्ना जिले की सीमा पर उत्तरप्रदेश शासन
द्वारा बरियारपुर पिकअप जलाशय(1906) बनाया गया था। इसके अंतर्गत कुटनी पोषक जलाशय
भी प्रस्तावित है। जिससे 43.8 हजार हेक्टेयर भूमि की सिंचाई क्षमता निर्मित की
जाएगी।
कोलार परियोजना :- 1979 में आरम्भ की
गई यह परियोजना सीहोर जिले में नर्मदा की सहायक कोलार नदी पर ग्राम लावा खेड़ी में
स्थित है। कोलार परियोजना में सीहोर जिले में 45,087 हेक्टेयर
क्षेत्र में सिंचाई के अतिरिक्त भोपाल नगर के लिए 0.15 मिलियन घन फीट जल प्रदाय
किया जाएगा।
चम्बल घाटी परियोजना
हलाली परियोजना :- यह परियोजना बेतवा
की सहयक हलाली नदी पर स्थित है। इस परियोजना के द्वारा विदिशा और रायसेन लिे के
136 ग्रामों की सिंचाई की जाएगी। इस परियोजना से कुल 37,837
हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई हो सकेगी। इस परियोजना का नाम बदलकर सम्राट अशोक परियोजना कर दिया गया है।
सिंध प्रोजेक्ट :- मध्य प्रदेश की सिंध परियोजना के
द्वतीय चरण को भी केन्द्र सरका के वन एवं पर्यावरण मन्त्रालय की स्वीकृति
प्राप्त हो गई है। विछले बीस वर्षों से लम्बित यह परियोजना आगामी पांच वर्षों में
पूरी की जाएगी। इससे ग्वालियर संभाग में 83.86 हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई
सुविधा उपलब्ध होगी।
चोरल नदी सिंचाई परियोजना :- इन्दौर जिले की महू
तहसील में चोरल नदी परियोजना स्थापित की गई है, जो जिले की पहली
अन्तरघाटी परियोजना है।
थावर परियोजना :- मध्य प्रदेश के
मण्डला जिले के झुलपुर ग्राम के समीप थवर नदी पर स्थित है। इस योजना की 18,212 हेक्टेयर भूमि को सिंचाई सुविधा उपलब्ध करा सकने की क्षमता है।
देजला-देवला :- यह परियोजना मध्य प्रदेश के खरगौन
जिले में स्थित है। इससे खरगौन जिले के 41 ग्राम लाभान्वित होंगे और 9 हजार हेक्टेयर
क्षेत्र सिंचित क्षेत्र के अंतर्गत आएगा।
बाण सागर :- देवलोद-खण्ड(शहडोल)
में सोन नदी बांध। मध्य प्रदेश के रीवा,सीधी जिले में 405
मेगावाट विघुत का उत्पादन। होगा है तथा 1.53 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती
है। बाण सागर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार की संयुक्त परियोजना है। इससे मध्य प्रदेश की 1.54 लाख हेक्टयर, उत्तर प्रदेश की 1.50 लाख हेक्टेयर, बिहार की
94000 हेक्टेयर भूमि सिंचित हो रही है। कुल मेगावाट विघुत उत्पादन किया जा रहा
है। इस परियोजना की द्वारा निकाली द्वारा प्रमुख नहर
सिंहावल, क्योटी, पुरवा, त्योंधर, दांयी
तट की, गुढ मऊगंज, भितरी
बेंनगंगा परियोजना :- इस परियोजना को संजय सरोवर
परियोजना के नाम से भी जाना जाता है। यह मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र की संयुक्त
परियोजना है। यह बैनगंगा नदी पर मध्य प्रदेश के सिवनी जिले के कछार में स्थित है।
इस परियोना का निर्माण कार्य 1972 में प्रारम्भ किया गया था। इसके अंतर्गत भीमगढ़
ग्राम के समीप बैनगंगा पर एक बांध बनाया जा रहा है। इस बांध से दो नहर निकाली गई
हैं। बांयी नहर मध्य प्रदेश के 18,615 हेक्टेयर को सिंचित
करती है, जबकि दायीं नहर महाराष्ट्र के 17,537 हेक्टेयर क्षेत्र को सिंचित करेगी।
जोबट परियोजना :- इस परियोजना को शहीद चन्द्रशेखर
आजाद सागर परियोजना के नाम से भी जाना जाता है। इसके तहत हथनी नदी पर बाँध बनाया
गया है। इस परियोजना के द्वारा धार जिले की 19,848 हेक्टेयर भूमि पर
सिंचाई होगी।
अपर वेदा:- खरगौन जिले के झिरन्या तहसील के ग्राम
नेमित में इस परियोजना का निर्माण कार्य चल रहा है।
गारलैंडि़ग परियोजना:- मध्य प्रदेश के खण्डवा जिले
में 19 हजार हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई हेतु इस परियोजना का निर्माण किया जा रहा
है। और इससे बिजली का उत्पादन भी किया जाएगा।
लोअरगोई परियोजना:- बड़वानी जिले के
ग्राम पैना पुतना में यह निर्मित है। 13,760 हेक्टेयर
क्षेत्र में सिंचाई होगी।
बरगी अपवर्तन परियोजना:- बरगी बाँध के दायीं तट नहर
से जबलपुर, कटनी, रीवा एवं सतना जिलों
में 2.45 लाख हेक्टेयर क्षेत्र की सिंचाई होने की संभावना है।
पुनासा परियोजना :- यह मध्य प्रदेश के खण्डवा जिले
में स्थित है। इससे 35,008 हेक्टेयर भूमि सिंचित की जाएगी। इसके अंतर्गत
बिजली उत्पादन हंडिया, बोरास एवं होशंगाबाद, में 60 मेगावाट जल विघुत परियोजना है। हंडिया से 51 मेगावाट, बोरास में 55 मेगावाट, होशंगाबाद में 60 मेगावाट जल विधुत का उत्पादन परियोजनाओं का परीक्षण
किया जा रहा है।


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