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संविधान सभा का निर्माण || भारतीय संविधान सभा की पहली बैठक की , संविधान सभा का गठन

भारतीय संविधान


भारतीय संविधान विश्‍व का सबसे बड़ा लिखित संविधान है।

संविधान के दो प्रकार होते है।

1. एकात्‍मक (ब्रिटेन, फ्रांस ) 2. संघात्‍मक (संघीय)

आधुनिक युग में संसार का सबसे वहला लिखित संविधान अमेरिका का है जो 1787 में फिलाडेल्फिया सम्‍मेलन के बाद बनया गया। भारतीय संविधान सभा का गठन वर्गीय आधारपर हुआ।

यूरोप में सबसे पहले संविधान नीदरलैण्‍ड में बना।

भारतीय संविधान का 65% भाग भारत सरकार अधिनियम 1935 से लिया गया है। संविधान प्रणाली दो प्रकार की होती है। संसदीय अध्‍यक्षात्‍मक(अमेरिका)

किसी देश का शासन जिन नियमों एवं सिद्धातों के अनुसार चलता है उन सिद्धांतो व नियमों को संविधान कहते है। अगर कोई व्‍यक्ति सिद्धांतो व नियमों का उल्‍लंघन करता है तो उसे संविधान के अनुसार सजा मिलती है।

संविधान अग्रेजी भाषा के ‘Constitution’ से बना है। जिसका अ‍र्थ होता है कि शासन करना या शासन करने वाला ।

भारतीय संविधान की प्रस्‍तावना के अनुसार सारी शक्ति जनता में निहित होती है। जिसे लोकसत्‍तात्‍मक प्रवृत्ति भी कहा जाता है।


संविधान सभा की मॉंग व गठन

1893 में बालगंगाधर तिलक ने सबसे पहले संविधान की मॉग की।

1922 में महात्‍मा गॉंधी ने अपने हरिजननामक पत्र में संविधान सभा के लिए सुझाव दिया गया था। इन्‍होंने कहा है कि ‘’ भारत का संविधान भारतीयें को स्‍वयं बनाने का अधिकार होना चाहिए। ‘’

1934 में स्‍वराज्‍य दल ने भारतीयों के लिए संविधान सभा की मांग की।

1936 में फैजपुर अधिवेशन कांग्रेस का गॉंव में होने वाला प्रथम अधिवेशन था। इस अधिवेशन में पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने प्रजातांत्रिक संविधान बनाने के लिए एक संविधान सभा की मॉंग की। इसे अध्‍यक्ष जवाहर लाल नेहरू थे।

अगस्‍त 1940 में पहली बार संविधान सभा की मांग को ब्रिटिश सरकार द्वारा स्‍वीकृत किया गया था इसलिए इसे अगस्‍त प्रस्‍ताव कहते हैं।

किप्‍स मिशन 1942 में भारत आया और इस मिशन ने स्‍पष्‍ट रूप से संविधान सभा की मांग की या संविधान सभा का प्रारूप बनाया।

संविधान सभा के निर्वाचन के समय कांग्रेस ने 213 सीटो में से 208 मुस्लिम ने 78 में से 73 तथा निर्दलीय दल ने 8 व क्षेत्रीय ने 7 जीती थीं।

केबिनेट मिशन 1946 में भारत आया । इसमें तीन सदस्‍य थे ।

1. स्‍टेफर्ड क्रिप्‍श 2. ए.वी. अलेक्‍जेण्‍डर 3. पेथिक लोरेंस

इस मिशन की अध्‍यक्षता पेथिक लॉरेंस ने की। इस मिशन के तहत भारत में संविधान सभा का गठन हुआ।

संविधान सभा की स्‍थापना के समय इसमें कुल 389 सदस्‍य थे। इनमें 93 सदस्‍य देशी रियासतो से, 4 सदस्‍य ममिश्‍नरी क्षेत्रों से तथा इसके अलावा प्रांतीय विधानसभा से लिए गये थे।

संविधान सभा की पहली महिला सदस्य कौन थी

इस संविधान सभा में महिला सदस्‍यों की संख्‍या 12 थी। 1. सरोजनी नायडू 2. विजया लक्ष्‍मी पण्डित 3. मालती चौधरी 4. कमला धौधरी 5. दुर्गा बाई 6. राजकुमारी अमृता कौर 7. लीलारे 8. पूर्णिमा वनर्जी 9. सुचेता कृपलानी 10. अम्‍मू स्‍वामीनाथन 11. हंसा मेहता 12. दक्ष्‍यानी वेल्‍यादुन

संविधान सभा के सदस्‍यों में अनुसूचित जनजाति के सदस्‍यों की संख्‍या 33 थी।


भारत के संविधान सभा के प्रथम अध्यक्ष कौन थे?

संविधान सभा की पहली वैठक 9 दिसंबर 1946 को हुई और इसके अस्‍थायी अध्‍यक्ष डॉ. सच्चिदानंद सिन्‍हा बनयो गये।

11 दिसंबर 1946 को संविधान सभा की दूसरी बैठक हुई और इसके स्‍थायी अध्‍यक्ष डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद को बनया गया।

संविधान सभा की कार्यवाही 13 दिसंबर 1946 को जवाहर लाल नेररू द्वारा पेश उद्धेश्‍य प्रस्‍ताव के साथा प्रारंभ हूई। जो कि 8 दिन की चर्चा के बाद प्रचलन में आया।

22 जनवरी 1947 को उद्धेश्‍य प्रस्‍ताव की स्‍वीकृति के बाद संविधान सभा ने संविधान निर्माण हेतु अनेक समितियॉं नियुक्‍त की।


संविधान सभा की प्रमुख समिति कौन कौन थी?


प्रमुख समितियॉं एवं उनके अध्‍यक्ष 


प्रमुख समितियॉं

            अध्‍यक्ष 

झण्‍डा समिति

जे.वी. कृपलानी

संघीय समिति

पंडित जवाहर लाल नेररू

प्रांतीय समिति 

सरदार वल्‍लभ भाई पटेल

मौलिक अधिकर समिति

सरदार वल्‍लभ भाई पटेल

अल्‍पसंख्‍यक समिति

सरदार वल्‍लभ भाई पटेल

 केन्‍द्रीय संचालन समिति

डॉ. राजेन्‍द्र प्रसाद

प्रारूप परिक्षण समिति 

कृष्‍ण स्‍वामी अय्यर

संविधान सलाहकार समिति

वी.एन. राव

   संविधानिक स्‍त्रोत

16 अगस्‍त 1946 को मुस्लिम लीग ने प्रत्‍यक्ष कार्यवाही की घोषणा की। इससे भारत में साम्‍प्रदायिक दंगे होने की संभावना थी। इसलिए पंडित जवाहर लाल नेहरू ने अंतरिम सरकारका गठन किया था।

2 सितम्‍बर 1946 को अंतरिम सरकार का गठन हुआ।

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